गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

पिछले कुछ दिनों से शौकिया फोटोग्राफी शुरू की है , कुछ चित्र प्रस्तुत हैं












तेरी अता क्या है

हमसफ़र मेरा वो नया-सा है

खुद को समझे वो रहनुमा-सा है


याद तो आऊंगा कभी उसको

दिल में मेरे भी ये गुमाँ सा है


उसकी साँसों में एक महक सी है

शख्स वो दिल का पासबाँ सा है


आंच होगी कहीं देखो

आज माहौल में धुंआ सा है


सब तबस्सुम हैं लब पे चस्प किये

इनसे पूछो के मामला क्या है


मुझको हासिल नहीं में कहता हूँ

तू ये कह दे तेरी अता क्या है

प्यार नया है

थोड़ी थोड़ी हाँ है मेरे दिल में तेरे दिल में भी.
मचले से अरमां हैं मेरे दिल में तेरे दिल में भी.


दोनों की आँखों में सारे भाव छुपे पर शब्द कहाँ
बस इतनी सी ना हैं , मेरे दिल में तेरे दिल में भी.

कह भी चुको अब कब तक दिल में जज़्ब किये बैठोगे यूँ ?
गूंजे ये अरमां हैं मेरे दिल में तेरे दिल में भी.

सब हैं सारे आस पास हैं पर जिसको बस ढूंढें दिल
ऐसा इक मेहमाँ है मेरे दिल में तेरे दिल में भी.