सोमवार, 28 जून 2010

बात क्या है जी

शहर वीराँ हैं बात क्या है जी
हम तो मेहमाँ हैं बात क्या है जी

गर्द चेहरे पे जमी रहती थी जिनके पहरों
आज वो खां हैं बात क्या है जी

जब्त कब तक किये रहोगे यूँ
कुछ तो कहना है बात क्या है जी

गर वो कहते तो बहुत कुछ कहते
जब्त अरमाँ हैं बात क्या है जी

दिल धड़कता है तो आवाज़ उनकी आती है
क्या करिश्मा है, बात क्या है जी

क्यों मेरे गाँव की मिट्टी की महक आती है
आई क्या माँ है , बात क्या है जी